
Anand Deepayan
About Anand Deepayan
आनन्द दीपायन
जन्म 1958 देवरिया जनपद, उत्तर प्रदेश के गाँव पिपरा भूल्ली में हुआ। पिता स्वर्गीय अवधेश मिश्र किसान नेता एवं साम्यवादी आन्दोलन के पुरावक्ती कार्यकर्ता थे। पारिवारिक पृष्ठभूमि राष्ट्रीय मुक्ति आन्दोलन एवं प्रगतिशील मूल्यों की रही है। परिवार आजादी की लड़ाई एवं साम्यवादी आन्दोलन का पूर्वी उत्तर प्रदेश में केन्द्र रहा है। जनवादी एवं प्रगतिशील मूल्यों के संस्कार के साथ शिक्षा ग्रहण किये। ग्रामीण पृष्ठभूमि में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राप्त किया। 1980- 2000 तक अखबारों में समकालीन मुद्दों पर लेखन एवं अनुवाद कार्य किया। तदुपरान्त विश्वविद्यालय परिवार में प्रगतिशील मूल्यों से जुड़कर वैचारिक पहल कर एवं कालान्तर में जनवाद एवं मानवाधिकार से जुड़े प्रश्नों पर सामाजिक सक्रियता से जुड़े रहे है। अन्तर्राष्ट्रीय सोच के चलते मैक्सिको, रूस, यू.ए.ई. एवं ब्राजील की विदेश यात्राएं भी किये है।
1985 में गरीबी के प्रश्न पर शोध-प्रबन्ध पूरा किया। भूगोल से सम्बन्धित विषयों पर 4 पुस्तक, 61 शोध-पत्र देश-विदेश के विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित किया। साम्प्रदायिकता एवं शिक्षा से जुड़े प्रश्नों पर शोध प्रकाशन एवं परियोजना सम्पन्न किया। 2005 में चर्चित कैम्पस नावेल "रेत होती गंगा" प्रकाशित हुआ।
सम्प्रति - काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में प्रोफेसर के रूप में अध्यापन कार्य कर रहे हैं।
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