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Dinesh Atri
About Dinesh Atri
दिनेश अत्रि :
5 अक्तूबर, 1949 को कबीर चौरा, बनारस में जन्मे दिनेश अत्रि की प्रारंभिक शिक्षा चंदौसी, जिला-मुरादाबाद (उ.प्र.) में हुई । उसके बाद सागर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) से वनस्पति शास्त्र से स्नातकोत्तर और डॉक्टरेटर कर श्री अत्रि ने वहीं अध्यापन किया और 44 वर्षों बाद आचार्य- विभागाध्यक्ष पद से सेवा-निवृत्त हुए ।
अध्ययन-अध्यापन के अतिरिक्त साहित्य, कला, संगीत के साथ-साथ मार्क्सवादी दर्शन में विशेष रुचि रखने वाले श्री अत्रि की कविताएँ देश के प्रायः सभी लब्ध- प्रतिष्ठ पत्र-पत्रिकाओं में छपी हैं जिनमें- ‘पहल’, ‘समकालीन भारतीय साहित्य', 'अक्षर पर्व’, ‘साक्षात्कार’, ‘वागर्थ', 'माध्यम', 'लोकमत', ‘अन्यथा’, ‘आवेग’, ‘वसुधा और 'रचना समय' आदि शामिल हैं। अपने मुहावरे में सर्वथा भिन्न इनकी कविताओं ने हिन्दी कविता में एक ख़ास जगह बनायी है, पाठकों को कविता की उस अन्तर्लय से जोड़ने की पहल भी की है जो हाल के वर्षों में विच्छिन्न हुई है । हर तरह के प्रचार, शोर-शराबा और आपाधापी से दूर रहकर सृजनरत रहने वाले श्री अत्रि का अब तक मात्र एक ही संग्रह प्रकाशित है - 'रिबन की पीली पंखुड़ी इन दिनों कविताओं के साथ-साथ चिन्तनपरक विषयों पर लेखन-मनन के साथ श्री अत्रि विज्ञान के और प्रकृति के सम्बन्ध और मनुष्य की भूमिका पर गहन मंथन में लगे हैं ।
संपर्क : ‘हरिम्मा’, मीनाक्षीपुरम्, सागर मध्यप्रदेश । फोन : 9425171769
ई-मेल : dineshatri49@gmail.com
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