
Series Editor : Ajay Tiwari , Editor : Pragya
About Series Editor : Ajay Tiwari , Editor : Pragya
दिल्ली में जन्मी प्रज्ञा की लेखन-यात्रा को दो दशक से अधिक का समय हो चुका है। नाट्यालोचना, कहानी, उपन्यास, बाल साहित्य, सामाजिक वैचारिक लेखन, संपादन से संबंधित उनकी अनेक किताबें प्रकाशित हैं। नाट्यालोचना के क्षेत्र में प्रज्ञा का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। 2006 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से उनकी पहली किताब 'नुक्कड़ नाटक : रचना और प्रस्तुति' प्रकाशित हुई। 'नाटक से संवाद', 'नाटक: पाठ और मंचन', 'कथा एक अंक की' जैसी उनकी कृतियां नाटक और एकांकी से जुड़े अनेक पक्षों को नए सिरे से सामने लाती हैं। उनके द्वारा संपादित 'जनता के बीच जनता की बात बारह नुक्कड़ नाटकों का संग्रह है जिसे वाणी प्रकाशन ने प्रकाशित किया और अब यह नई किताब 'हिंदी नाटक स्त्री संदर्भ' आपके सामने है। सभी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में नाटक और रंगमंच से संबंधित उनके लेख लंबे अर्से से प्रकाशित होते रहे हैं।
कथा-लेखन में प्रज्ञा एक दशक से अधिक की सक्रिय यात्रा तय कर चुकी हैं। 'तक्सीम', 'मन्नत टेलर्स', 'रज्जो मिस्त्री', 'मालूशाही! मेरा छलिया बुरांश' जैसे चार उनके चर्चित कहानी-संग्रह हैं। 'गूदड़ वस्ती' और 'धर्मपुर लॉज' दो बहुप्रशंसित उपन्यास। उनकी कहानियों और उपन्यासों को कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। 'मीरा स्मृति सम्मान', 'महेंद्रप्रताप स्वर्ण सम्मान', 'शिवना अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान', 'पृथ्वीनाथ भान साहित्य सम्मान', 'प्रतिलिपि डॉट कॉम सम्मान', 'स्टोरी मिरर पुरस्कार' से उनकी कथात्मक कृतियां सम्मानित हुई हैं।
'तारा की अलवर यात्रा' एन.सी.ई.आर.टी. से प्रकाशित है जो बाल साहित्य की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार 2008 से पुरस्कृत है। कथेतर गद्य की एक किताब 'आईने के सामने' है।
Books by the Author Series Editor : Ajay Tiwari , Editor : Pragya
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