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75 Kavitayen : Nagarjun
नागार्जुन जन्म सन् 1911; ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन | जन्म - स्वान ग्राम तरौनी, जिला दरभंगा (बिहार ) । परंपरागत प्राचीन पद्धति से संस्कृत की शिक्षा । सुविख्यात प्रगतिशील कवि, कथाकार | हिंदी, मैथिली, संस्कृत और बांग्ला में काव्य-रचना । पूरा नाम वैद्यनाथ मिश्र श्यात्री२ । मातृभाषा मैथिली में श्यात्री' नाम से ही लेखन । शिक्षा समाप्ति के बाद घुमक्कड़ी का निर्णय । गृहस्थ होकर भी रमते - राम । स्वभाव से आवेगशील, जीवंत और फक्कड़। राजनीति और जनता के मुक्ति संघर्षों में सक्रिय और रचनात्मक हिस्सेदारी । मैथिली काव्य- संग्रह ‘पत्रहीन नग्न गाछ' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से पुरस्कृत । प्रकाशित पुस्तकें रतिनाथ की चाची, बाबा बटेसरनाथ, दुखमोचन, बलचनमा, वरुण के बेटे, नई पौध, आदि (उपन्यास); युगधारा, सतरंगे पंखोंवाली, प्यासी पथराई आँखें, तालाब की मछलियाँ, चंदना, खिचड़ी विप्लव देखा हमने, तुमने कहा था, पुरानी जूतियों का कोरस, हजार-हजार बाँहोंवाली, पका है यह कटहल, अपने खेत में, मैं मिलिट्री का बूढ़ा घोड़ा (कविता-संग्रह); भस्मांकुर, भूमिजा (खंडकाव्य); चित्रा, पत्रहीन नग्न गाछ (हिंदी में भी अनूदित मैथिली कविता-संग्रह); पारो (मैथिली उपन्यास); धर्मलोक शतकम् (संस्कृत काव्य) तथा संस्कृत से कुछ अनूदित कृतियाँ । निधन : 5 नवंबर, 1998 जन्म : 1 अक्टूबर, 1978 (उ.प्र.) । शिक्षा : एम.ए., पी.एचडी. (जेएनयू)
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