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Godaan
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गोदान एक उपन्यास नहीं, बल्कि एक समाज का छायांक है। प्रेमचंद ने इस कहानी में गाँव के गरीबी और उनके जीवन की अवस्थाओं को इतने सुंदरता से पेश किया है कि पाठक उनके विचारों में समाहित हो जाते हैं।
गोदान में प्रेमचंद ने भारतीय गाँव की असलियत को बहुत ही समझदारी से उजागर किया है। इस कहानी के माध्यम से वे न सिर्फ समाज की समस्याओं को बताते हैं, बल्कि समाधान भी प्रस्तुत करते हैं।
गोदान एक ऐसी कहानी है जिसमें गाँव के साधारण लोगों की जीवन-यापन, संघर्ष और उनकी अनसुनी कहानियाँ विस्तार से दर्शायी गई हैं। प्रेमचंद की शैली में रचित इस उपन्यास में वे अपने पाठकों को समाज के गहराई में घुसने का मौका देते हैं।
गोदान, मुंशी प्रेमचंद की श्रेष्ठ कृतियों में से एक है। यह कहानी गाँव के जीवन की उम्मीद, आशा और व्यथा को साहित्यिक रूप से अद्वितीयता से दर्शाती है। प्रेमचंद ने समाज की समस्याओं को गहराई से छूने का काम किया है और इस कहानी में उनका दर्शन सराहनीय है।