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Kajar Ki Kothri
इस उपन्यास के इस बयान में हमको इसी बाजार से कुछ मतलब है, क्योंकि उस बाँदी रंडी का मकान भी इसी बाजार में है, जिसका जिक्र इस किस्से के पहले और दूसरे बयान में आ चुका है। बाँदी का मकान तीन मरातब का है और उसमें जाने के लिए दो रास्ते हैं, एक तो बाजार की तरफ से और दूसरा पिछवाड़े वाली अंधेरी गली में से। पहली मरातब में बाजार की तरफ एक बहुत बड़ा कमरा और दोनों तरफ दो कोठरियाँ तथा उन कोठरियों में से दूसरी कोठरियों में जाने का रास्ता बना हुआ है और पिछवाड़े की तरफ केवल पाँच दर का एक दालान है। दूसरी मरातब पर चारों कोनों में चार कोठरियाँ और बीच में चारों तरफ छोटे-छोटे चार कमरे हैं। तीसरी मरातब पर केवल एक बँगला और बाकी का मैदान अर्थात खुली छत है। --- इसी उपन्यास से
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