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Pratigya
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प्रेमचंद की भाषा और कथा की विशेषता को दिखाने में "प्रतिज्ञा" उनकी अद्वितीय शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इस कहानी में सम्पूर्णता और समर्पितता दिखाई गई है, जिससे पाठक न केवल रोमांचित होते हैं बल्कि समाजिक संदेश को समझते भी हैं।
"प्रतिज्ञा" उन समाजिक मुद्दों पर गहरा विचार करने को प्रोत्साहित करती है जो आज भी हमारे समाज में मौजूद हैं।