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Vaishali Ki Nagar Vadhu

(4.83) 6 Review(s) 
2020
978-93-89191-71-4

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इसमें भारतीय जीवन का एक जीता–जागता चित्र अंकित हैं । इस उपन्यास का कथात्मक परिवेश ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक है । इसकी कहानी बौद्ध काल से सम्बद्ध है और इसमें तत्कालीन लिच्छिवि संघ की राजधानी वैशाली की पुरावधू ‘आम्रपाली’ को प्रधान चरित्र के रूप में अवतरित करते हुए उस युग के हास–विलासपूर्ण सांस्कृतिक वातावरण को अंकित करने हुए चेष्टा की गयी है । उपन्यास में घटनाओं की प्रधानता है किन्तु उनका संघटन सतर्कतापूर्वक किया गया है और बौद्धकालीन सामग्री के विभिन्न स्रोतों का उपयोग करते हुए उन्हें एक सीमा तक प्रामाणिक एवं प्रभावोत्पादक बनाने की चेष्टा की गयी है । उपन्यास की भाषा में ऐतिहासिक वातावरण का निर्माण करने के लिए बहुत से पुराकालीन शब्दों का उपयोग किया गया है । कुल मिलाकर चतुरसेन की यह कृति हिन्दी के ऐतिहासिक उपन्यासों में उल्लेखनीय है ।

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Reviews
यह किताब सभी को पढ़नी चाहिए। अगर यह अंग्रेजी में होती तो यह दुनिया भर में मशहूर होती। यह आज भी इतनी प्रासंगिक है कि कोई भी हैरान हो सकता है।
anuj, pune
vaishali ki nagar vadhu acharye chatursen ka sabse best novel hai.
vishal, lucknow
kafi acchi books hai padhne ke bad pata chalta hai ki books mai kya khas hai
shivani, mirzapur
बुद्ध, महावीर, बिम्बसार, आम्रपाली और कई अन्य, सभी को एक साथ इतनी सुंदर कथा में पिरोया गया है, जिसमें कई विषय, इतिहास और दर्शन की परतें गहराई से समाहित हैं।
ajay, bhopal
युवा पीढ़ी को यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए। भाषा की समृद्धि, गहन विचार, लेखन कौशल और बहुत कुछ महसूस करें....
ishan, barut
एक महान हिंदी लेखक की शोधपरक उत्कृष्ट कृति, उस युग के प्राचीन उत्तर भारतीय भूगोल, राजनीतिक परिदृश्य, सामाजिक-आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं का अच्छा संदर्भ प्रदान करती है।
bhagwan singh, kanpur