• New product

Vyam Raksham

(0.00) 0 Review(s) 
2020
978-93-89191-69-1

Select Book Type

Earn 6 reward points on purchase of this book.
In stock

‘वयं रक्षाम:’ में प्राग्वेदकालीन जातियों के सम्बन्ध में सर्वथा अकल्पित–अतर्कित नई स्थापनाएं हैं, मुक्त सहवास है, विवसन विचरण है, हरण और पलायन है । शिशन देव की उपासना है, वैदिक–अवैदिक अश्रुत मिश्रण है । नर–मांस की खुले बाजार में बिक्री है, नृत्य है, मद है, उन्मुख अनावृत यौवन है । यह सब मेरे वे मित्र कैसे बर्दाश्त करेंगे भला, जो अश्लीलता की संभावना से सदा ही चैंकायमान रहते हैं ।

You might also like

Reviews

No Reviews found.