Akhlaak Aahan
About Akhlaak Aahan
डॉ. अखलाक अहमद 'आहन' जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली के सेंटर ऑफ परसियन एण्ड सेंट्रल एशियन स्टडीज में सहायक प्रोफेसर हैं।
अखलाक 'आहन' उर्दू और फारसी के जाने-माने द्विभापी कवि है। इनके साहित्यिक योगदान पर ईरान में एक 20 मिनट की फारसी डॉक्युमेंट्री फिल्म वनाई गयी है। 2007 में ईरानी राष्ट्रपति ने इनके काव्य की प्रशंसा करते हुए इनकी मशहूर फारसी कविता 'पस चे वायेद कर्द अय उम्मत' की चर्चा की। इनका उर्दू काव्य-संग्रह 'सुरूर' प्रकाशनाधीन है, और इनकी लम्वी कविता 'सोचने पे पहरा है' की पाठकों और आलोचकों में काफी चर्चा है।
अखलाक 'आहन' को दिल्ली उर्दू अकादमी ने साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य और विशेष रूप से अनुवाद के लिए 2011 के उर्दू अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया है। इस से पहले उनके 'मकालत-ए-अरशी' शीर्षक शोध के लिए उन्हें बिहार उर्दू अकादमी के द्वारा 2010 का 'काजी अब्दुल वदूद सम्मान' दिया गया।
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