Anna Bhau Sathe , Translated by Sadanand Bhosle

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About Anna Bhau Sathe , Translated by Sadanand Bhosle

डॉ.तुकाराम भाऊराव साठे ( 1 अगस्त 1920 - 18 जुलाई 1969 ) जिन्हें अन्ना भाऊ साठे [a] के नाम से जाना जाता है, एक मराठी समाज सुधारक, लोक कवि और लेखक थे। [1] साठे का जन्म एक मांग ( हिंदू ) समुदाय में हुआ था। उनका लेखन सामाजिक और राजनीतिक सक्रियता पर आधारित था। [2] साठे मार्क्सवादी-आंबेडकरवादी झुकाव के थे, जो शुरू में कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रभावित थे। [3] [4] [5] [6] उन्हें दलित साहित्य का संस्थापक माना जाता है। उन्होंने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अन्ना भाऊ साठे का साहित्य परिवर्तन की दिशा और प्रेरणा बन गया है। महाराष्ट्र के समग्र गठन और परिवर्तन में इस साहित्य का योगदान महत्वपूर्ण माना जाता है। आज भी बड़ी संख्या में छात्र और विद्वान उनके साहित्य पर शोध करते देखे जाते हैं। शाहीर अन्ना भाऊ साठे, शहीर अमर शेख और शहीर डी. ने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन को लोगों के मन में बिठाने का काम किया. नहीं। गावंकर ने किया। शाहिर ने मुंबई, मराठवाड़ा, विदर्भ, कोंकण, पश्चिम महाराष्ट्र और सीमावर्ती क्षेत्रों में कई स्थानों पर अपने लालबावता कलापटका के कार्यक्रम प्रस्तुत किए।


डॉ. सदानंद काशीनाथ वत्सला भोसले
जन्म : गाँव-वाघोली, तहसील-चाकूर, जिला-लातूर, महाराष्ट्र।
प्रमुख कृतियां : 1. वर्तमान साहित्य के संदर्भ में लाल का नाटक साहित्य, 2. विशुद्ध हिंदी भाषा, 3. साहित्य और मानवीय संवेदना, 4. हिंदी नाट्य विमर्श, 5. हिंदी वस्तुनिष्ठ प्रतियोगिता मार्गदर्शक, 6. आधुनिक काव्य, 7. आधुनिक हिंदी नाटक, 8. असगर वजाहत के मंचीय नाटक ।
संपादित किताबें: 1:21 वीं सदी के संवेदना के शिखर उपन्यास, 2. साहित्य विविधा, 3.
साहित्य सौरभ, 4. प्रयोजनमूलक हिंदी विविध आयाम, 5. मध्ययुगीन काव्य, 6. कहानी दशक, 7. निबंध दशक, 8. मध्ययुगीन काव्य, 9. हिंदी साहित्य और भाषा, 10. साहित्य संगम, 11. काव्य प्रसून, 12. हिंदी भाषा शिक्षण, 13. काव्य सारंग ।
अनुदित किताबें : 1. घुमक्कड़ी (मराठी से हिंदी), 2. मेरी रूस यात्रा (मराठी से हिंदी)।
संप्रति : प्रोफेसर एवं पूर्व अध्यक्ष, हिंदी विभाग
अध्यक्ष : वरिष्ठ आचार्य एवं अध्यक्ष, हिंदी विभाग, सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय,
पुणे, महाराष्ट्र ।

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