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Dr. Krishnkant Chandra, Dr. Ajay Bind
About Dr. Krishnkant Chandra, Dr. Ajay Bind
डॉ. कृष्णकान्त चन्द्रा
डॉ. कृष्णकान्त चन्द्रा का जन्म साहित्य चिन्तकों, मनीषियों, फिल्मकारों एवं साहित्यकारों की भूमि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जनपद में 9 जनवरी उन्नीस सौ उनहत्तर को भदाँव नामक गाँव में हुआ। इनके पिता डिप्टी एस.पी. के पद से सेवानिवृत्त हुए। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा आजमगढ़ में हुई। उच्च शिक्षा दिल्ली एवं लखनऊ विश्वविद्यालय से हुई। ये लखनऊ विश्वविद्यालय से डी. लिट् में शोधरत हैं। इन्होंने बी.एड., एम.डी. विश्वविद्यालय रोहतक से किया है। इनकी अब तक प्रकाशित पुस्तकों में नामवर सिंह और हिन्दी समीक्षा, बिस्रामपुर का सन्त : आसमीक्षा तथा कमलेश्वर : साहित्य एवं संस्कृति एक परिक्रमा है। इनकी अभिरूचियों में अध्यापन कार्य, आधुनिक काव्य, आधुनिक साहित्य-समीक्षा, पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ना एवं लिखना, चर्चा-परिचर्चा तथा गोष्ठियों में भाग लेना है। इन्होंने आर.एस.एम. (पी.जी.) कॉलेज धामपुर (जनपद बिजनौर) उ.प्र. में असि. प्रो. (हिन्दी) के पद पर अध्यापन कार्य किया है। वर्तमान में जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल (पी.जी.) कॉलेज बाराबंकी में असि. प्रो. (हिन्दी) के पद पर कार्यरत् हैं।
डॉ. अजय बिन्द
डॉ. अजय बिन्द का जन्म 3 जुलाई, 1977 को पूरब का सिराज कहे जाने वाले जौनपुर जनपद के शाहगंज तहसील (उ.प्र.) के प्रसाद का पूरा नामक अति पिछड़े गाँव में हुआ। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा उसी तरह हुयी, जिस तरह की शिक्षा प्रणाली आजादी के पहले हुआ करती थी। गाँव में आज भी पठन-पाठन के प्रति कोई जागरूकता देखने को नहीं मिलती। पिता जी के अध्यापक होने के कारण पढ़ाई में बाधा नहीं आयी। गाँव के परिवेश से निकलकर लखनऊ विश्वविद्यालय से एम.ए. तथा एम. फिल्. में सर्वोच्च अंक प्राप्त किये। पी-एच.डी. भी इसी विश्वविद्यालय से प्राप्त की। समीक्षा आपका प्रिय विषय है। प्रकाशित पुस्तकें - रामविलास शर्मा औरा हन्दीस मीक्षा, समकालीन हन्दीक हानी तथाक मलेश्वरः साहित्यए वंस स्कृति- ए क परिक्रमा इस समय राजकीय महाविद्यालय नानौता में असि. प्रो. हिन्दी के पद पर कार्यरत् हैं।
Books by the Author Dr. Krishnkant Chandra, Dr. Ajay Bind
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Rajendra Yadav: Samanatar Duniya Ka Sutradhar
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