
Ed. Neeraj Khare
About Ed. Neeraj Khare
नीरज खरे
1 दिसम्बर, 1969 को अजयगढ़, जिला - पन्ना (मध्यप्रदेश) में जन्म। यहीं विद्यालयीन शिक्षा । डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) से भौतिकी में एम. एससी. के बाद हिन्दी में एम.ए. और पीएच.डी., संचार एवं पत्रकारिता में स्नातक और स्नातकोत्तर । यहीं कुछ वर्ष अस्थायी पद पर अध्यापन। 2005 से बी.एच.यू. के हिंदी विभाग में अध्यापन। आलोचना पुस्तकें : ‘बीसवीं सदी के अंत में हिन्दी कहानी' (2004), 'कहानी का बदलता परिदृश्य' (2018) और ‘आलोचना के रंग' (2018)।
बीसवीं सदी की प्रतिनिधि कहानियों के एकल मूल्यांकन की संपादित किताब 'हिन्दी कहानी वाया आलोचना' (2022)। पहल, परिकथा, रचना समय, अक्षर पर्व, लमही आदि में कविताएँ और ‘पाखी’ के प्रेम विशेषांक में एक कहानी प्रकाशित । सागर में कुछ वर्ष पत्रकारिता। ‘आलोचना के रंग’ पुस्तक की पांडुलिपि पर साहित्य भंडार तथा मीरा फाउन्डेशन, इलाहाबाद का ‘मीरा स्मृति पुरस्कार-2017' और आलोचना कर्म के लिए स्पंदन संस्था, भोपाल का ‘स्पंदन आलोचना सम्मान-2022'।
सम्प्रति : प्रोफ़ेसर, हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी-221005
Books by the Author Ed. Neeraj Khare
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