
Leo Tolstoy presented by Himanshu Joshi
About Leo Tolstoy presented by Himanshu Joshi
हिमांशु जोशी
सन् 1935 में उत्तराखंड के एक गांव जोस्यूड़ा में जन्मे हिमांशु जोशी की प्रारंभिक शिक्षा खेतीखान में और शेप नैनीताल में संपन्न हुई। सन् 1955 में दिल्ली आने के पश्चात् लेखन एवं पत्रकारिता से जुड़ गए। 'इन्द्रधनुष', 'कादम्बिनी' एवं 'साप्ताहिक हिंदुस्तान' में वरिष्ठ संपादक एवं पत्रकार रहे हिमांशु जोशी ने विपुल कथा साहित्य रचा है।
इनके प्रमुख कहानी संग्रह हैं- 'अंततः तथा अन्य कहानियां', 'रथचक्र', 'मनुष्यचिह्न तथा अन्य कहानियां', 'जलते हुए डैने तथा अन्य कहानियां', 'तपस्या तथा अन्य कहानियां', 'गंधर्व गाथा', 'नंगे पांवों के निशान', 'इस बार फिर बर्फ गिरी तो', 'सागर तट के शहर', 'अगला यथार्थ', 'पाषाण गाथा'। प्रमुख उपन्यास हैं- 'अरण्य', 'महासागर', 'छाया मत छूना मन', 'कगार की आग', 'समय साक्षी है', 'तुम्हारे लिए', 'सुराज' । वैचारिक संस्मरणों में 'उत्तर पर्व' एवं 'आठवां सर्ग' तथा कविता संग्रह 'नील नदी का वृक्ष' ।
अनेक भाषाओं में अनूदित व प्रशंसित हिमांशु जी ने अमर शहीद अशफाक उल्ला खां की जीवनी एवं अंडमान की अनकही कहानी कही हैं। 'यातना शिविर' में। इनके रेडियो नाटक और अनेक निबंध तो श्रव्य एवं पठनीय हैं ही, बाल साहित्य की भी अनेक पठनीय कृतियां हिमांशु जी ने दी हैं। इनके द्वारा संपादित 'आप्रवासी हिंदी कहानियां' एक महत्त्वपूर्ण संकलन है।
अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से अलंकृत हिमांशु जोशी हिंदी साहित्य और भाषा के निर्विवाद गौरव हैं।
Books by the Author Leo Tolstoy presented by Himanshu Joshi
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