Nalin Vilochan Sharma
About Nalin Vilochan Sharma
नलिन विलोचन शर्मा: एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी
जीवन परिचय
नलिन विलोचन शर्मा, भारत के एक प्रसिद्ध साहित्यकार, आलोचक और विद्वान थे। उनका जन्म 18 फरवरी, 1916 को पटना में हुआ था। वे दर्शन और संस्कृत के प्रख्यात विद्वान् महामहोपाध्याय पं. रामावतार शर्मा के पुत्र थे। 12 सितंबर, 1961 को मात्र 46 वर्ष की आयु में हृदय गति रुक जाने से उनका निधन हो गया।
शिक्षा और करियर
नलिन जी ने संस्कृत में एम.ए. किया और जैन कॉलेज, आरा में संस्कृत के प्राध्यापक के रूप में अपना करियर शुरू किया। बाद में, उन्होंने हिंदी में भी एम.ए. किया और पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रोफेसर और अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए।
विद्वता और रुचियां
नलिन जी संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी के निपुण विद्वान थे। इसके अलावा, उन्होंने फ्रेंच और जर्मन भाषाओं का भी गहरा अध्ययन किया था। चित्रकला में भी उनकी गहरी रुचि थी।
साहित्यिक योगदान
नलिन जी ने हिंदी आलोचना के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित किया। उनके तीखे आलोचनात्मक लेखों, साहित्यिक टिप्पणियों और पुस्तक समीक्षाओं ने हिंदी साहित्य जगत को नई दिशा दी। वे पुराने और नए दोनों ही लेखकों के बीच समान रूप से सम्मानित थे। हिंदी कविता में, वे ‘प्रपद्यवाद’ (नकेनवाद) के प्रमुख प्रवर्तकों में से एक थे।
समापन
नलिन विलोचन शर्मा एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे जिन्होंने साहित्य, भाषा और कला के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया। उनकी विद्वता, आलोचनात्मक दृष्टिकोण और बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें हिंदी साहित्य के इतिहास में एक अविस्मरणीय स्थान दिलाया है।
Books by the Author Nalin Vilochan Sharma
-
Sahitya Ka Itihas Darshan
Rs. 375.00 -20% OFF Rs. 300