
Omprakash Singh
About Omprakash Singh
विजयमोहन सिंह हिन्दी के सुधी समीक्षक और कथाकार हैं। इनका रचना संसार विस्तृत और विचारोत्तेजक है। कविता, कहानी, उपन्यास, समीक्षा आदि के साथ-साथ सिनेमा और संगीत पर भी इनकी गहरी पकड़ थी। इन दोनों क्षेत्रों में भी उन्होंने काफी कुछ लिखा-पढ़ा है। विजयमोहन जी के व्यक्तित्व की बनावट एक खास तरह की थी। पाश्चात्य साहित्य और समीक्षा पर उनकी गहरी पकड़ थी। उनकी लिखी हुई सार्ज की जीवनी चर्चित और प्रशंसित कृति है। साहित्य जगत में उनकी कृतियों का विशेष स्थान है। कहानी, नयी कहानी और साठोत्तर कहानी पर उनका लेखन मील का पत्थर है। नामवर सिंह ने भी स्वीकार किया है कि कथा साहित्य पर विजयमोहन का लेखन मेरे लेखन से बेहतर है।
यह किताब विजयमोहन सिंह के जीवन और सृजन पर गहरा विचार करती है। यहाँ उनके जीवन के हर पक्ष और उनकी कृतियों के वैशिष्ट्य पर विद्वानों ने गंभीरतापूर्वक विचार विमर्श किया है। विजयमोहन जी पर केन्द्रित इस पुस्तक का उद्देश्य उनके साहित्य सृजन पर गंभीर विचारोत्तेजक बहस प्रारंभ करने में है। इस क्रम में हमें उनके कथाकार और समीक्षक पर गहराई से विचार करता है। इसे विजयमोहन सिंह के साहित्य की तरफ ध्यानाकर्षण का प्रस्थान बिंदु मानना चाहिए। हमें विश्वास है कि यह कृति अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल होगी।
Books by the Author Omprakash Singh
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Vijaymohan Singh : Jeevan Aur Srajan
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