
Ed.Nirmal Dhela Bora
About Ed.Nirmal Dhela Bora
भारत की वैज्ञानिक परम्परा विश्व की प्राचीनतम परम्पराओं में से एक है । आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, बोद्धायन, चरक, सुश्रुत आदि विश्व प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिकों ने आकाश, जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी आदि के सम्बन्ध में एक नई समझ विश्व के सामने प्रस्तुत की । इन सभी वैज्ञानिकों ने ज्योतिष, आयुर्वेद, खगोल शास्त्र, रसायन शास्त्र आदि से सम्बन्धित अपनी पुस्तक संस्कृत भाषा में लिखी थी। तत्पश्चात् हिन्दी भाषा के आरम्भ से लेकर उसके परिष्कृत होने तक हिन्दी में भी विज्ञान से सम्बन्धित पुस्तक लिखी जाने लगी । देखा जाए तो हिन्दी विज्ञान लेखन की परम्परा बहुत पुरानी रही है। वैज्ञानिक साहित्य में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले पुरोधाओं में स्वामी सत्य प्रकाश, डॉ. गोरख प्रसाद, डॉ. ब्रजमोहन, डॉ. निहालकरण सेठी, डॉ. शिवगोपाल मिश्रा, गुणाकर मुले, जयन्त विष्णु नार्लीकर आदि वैज्ञानिकों के नाम उल्लेखनीय हैं। इसके अतिरिक्त हिन्दी में विज्ञान लेखन के अन्य महत्वपूर्ण हस्ताक्षरों में गणेश कुमार पाठक, जगनारायण, विश्व मोहन तिवारी, डॉ. देवेन्द्र कुमार राय, श्री देवेन्द्र मेवाड़ी आदि के नाम महत्वपूर्ण हैं। देखा जाए तो देश में हिन्दी में विज्ञान लेखन की कमी नहीं है परन्तु लेखकों के इस विशाल समुदाय का कोई राष्ट्रीय संगठन नहीं है। करीब 3000 से अधिक हिन्दी में विज्ञान लेखक हैं जिन्होंने हिन्दी में विज्ञान सम्बन्धी पुस्तकें, पाठ्य पुस्तकें एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की पत्रिकाएँ लिखी है जो हाई स्कूल से लेकर महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों के परिसरों तक व्याप्त हैं, लेकिन आज तक विज्ञान लेखन की कोई निर्देशिका प्रकाशित नहीं हुई जिससे इन लेखकों का आपसी पत्र व्यवहार अथवा सम्पर्क हो सके और हिन्दी में विज्ञान लेखन की परम्परा को विकास मिल सके।
Books by the Author Ed.Nirmal Dhela Bora
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