
Taslima Nasreen
About Taslima Nasreen
तस्लीमा नसरीन
तस्लीमा नसरीन का जन्म बांग्लादेश के मैमनसिंह में हुआ। अपने लेखन से उन्होंने लोकप्रियता हासिल की है, तो वह विवाद में भी रही हैं। 1991 में उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। यूरोप के बाद वह भारत के पश्चिम बंगाल में रह रही थीं, पर वहां से भी उन्हें निर्वासित किया गया। 'निर्वाचित कलाम' और 'आमार मेयेवेला' के लिए पश्चिम बंगाल में उन्हें दो बार आनन्द पुरस्कार मिला। यूरोपीय संसद से मुक्त चिंतन के लिए सखारोब पुरस्कार, सहिष्णुता व शान्ति के प्रचार के लिए यूनेस्को सम्मान, फ्रेंच सरकार का मानवाधिकार पुरस्कार, जेहादी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए फ्रांस का एडिट द नांट पुरस्कार, स्वीडिश लेखक संस्था से प्राप्त कूर्ट टुखोलस्की पुरस्कार, जर्मनी की मानवतावादी संस्था का आर्डाइन फिशर पुरस्कार, नारीवादी मुद्दों पर लिखने के लिए फ्रांस का सिमोन द वोउआर पुरस्कार, अमेरिका का फेमिनिस्ट प्रेस पुरस्कार आदि प्रमुख हैं। बेल्जियम की गेन्ट यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ लोवेइन, अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ पेरिस तथा पेरिस डिडरों यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दी है। हार्वर्ड एवं न्यूयॉर्क विश्वविद्यालयों से उन्हें फेलोशिप मिली है, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन व इतालवी सहित तीस भाषाओं में उनकी किताबों का अनुवाद हुआ है, तो मानवतावाद, मानवाधिकार, स्त्री स्वतंत्रता और नास्तिकता आदि पर इन्होंने हार्वर्ड, पेल, ऑक्सफोर्ड, एडिनचरा, सरबोन जैसे विश्वविद्यालयों में भाषण दिए हैं।
Books by the Author Taslima Nasreen
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