
Uma Shankar Chaudhary
About Uma Shankar Chaudhary
उमा शंकर चौधरी
एक मार्च उन्नीस सौ अठहत्तर को खगड़िया विहार में जन्म। कविता और कहानी लेखन में समान रूप से सक्रिय ।
प्रकाशन: चार कविता संग्रह 'कहते हैं तब शहंशाह सो रहे थे', 'चूंकि सवाल कभी खत्म नहीं होते', 'वे तुमसे पूछेंगे डर का रंग' और 'कुछ भी वैसा नहीं', तीन कहानी संग्रह 'अयोध्या बाबू सनक गए हैं', 'कट टु दिल्ली और अन्य कहानियां', 'दिल्ली में नींद' और एक उपन्यास 'अंधेरा कोना' प्रकाशित । साथ ही आलोचना की दो पुस्तकें हैं- 'विमर्श में कबीर' और 'दलित विमर्श: कुछ मुद्दे कुछ सवाल' । दो संपादित पुस्तकें भी हैं- 'हाशिये की वैचारिकी' और 'हिस्सेदारी के प्रश्न-प्रतिप्रश्न' ।
सम्मान : साहित्य अकादमी युवा सम्मान, भारतीय ज्ञानपीठ नवलेखन सम्मान, रमाकांत स्मृति कहानी पुरस्कार, अंकुर मिश्र स्मृति सम्मान और पाखी का जनप्रिय लेखक सम्मान ।
कहानियों, कविताओं का विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवाद। कविता संग्रह 'कहते हैं तब शहंशाह सो रहे थे' का मराठी अनुवाद साहित्य अकादमी से प्रकाशित ।
कविताएं केरल विश्वविद्यालय, केरल, शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, कलाडी, केरल और एम. जी. विश्वविद्यालय, कोट्टयम, केरल के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में शामिल।
विभिन्न महत्वपूर्ण श्रृंखलाओं में कहानियां और कविताएं संकलित ।
कहानी 'अयोध्या बाबू सनक गए हैं' पर प्रसिद्ध रंगकर्मी देवेन्द्र राज अंकुर द्वारा एनएसडी सहित देश की विभिन्न जगहों पर पच्चीस से अधिक नाट्य प्रस्तुतियां ।
सम्प्रति : दिल्ली विश्वविद्यालय के स्वामी श्रद्धानन्द महाविद्यालय में अध्यापन।
Books by the Author Uma Shankar Chaudhary
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