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Bhulaye Na Bane

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2018
978-93-85450-82-1

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शरद दत्त सन् 1946 में जन्मे शरद दत्त की विगत 40 बरसों से इलेक्ट्रानिक मीडिया में जीवंत उपस्थिति रही है । दिल्ली दूरदर्शन के बहुआयामी प्रोड्यूसर रहे । खुशवंत सिंह के साथ अत्यंत प्रतिष्ठित और बहुचर्चित धारावाहिक ‘वर्ल्ड ऑफ नेचर’ के निर्माता–निर्देशक । भारतीय सेना पर 50 से अधिक वृत्तचित्रों का निर्माण किया । अनेक वरिष्ठ साहित्यकारों को पहली बार दूरदर्शन पर प्रस्तुत करने का श्रेय, जिनमें प्रमुख हैµडॉ रामविलास शर्मा, नागार्जुन, श्रीलाल शुक्ल, इंतिजार हुसैन, राही मासूम रज़ा, फै़ज़ अहमद फै़ज़, अख्तरूल ईमान, शिव के– कुमार, तकशि शिवशंकर पिल्लै, शिवराम कारंत । फिल्मी हस्तियों में जिन्हें शरद दत्त ने पहली बार दूरदर्शन पर प्रस्तुत किया अथवा जिन पर वृत्तचित्रों का निर्माण किया, उनमें उल्लेखनीय हैंµदिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन, सुरेंद्रनाथ, कुंदनलाल सहगल, मुकेश, केदार शर्मा, नूरजहां, विजयराघव राव, सलिल चै/ारी, सुरसागर जगमोहन । कुंदनलाल सहगल के जीवन और संगीत पर चार कड़ियों के वृत्तचित्र का निर्माण किया, जो दूरदर्शन पर धारावाहिक प्रस्तुत किया गया । दूरदर्शन से सेवानिवृत्त होने के पश्चात खबरिया चैनल ‘पी7न्यूज’ के निदेशक रहे । सिनेमा के इतिहास पर लंबी लेखमाला ‘साप्ताहिक हिंदुस्तान’ में प्रकाशित होकर बहुचर्चित रही । हिंदी अकादमी पुरस्कार (1989), नेशनल मीडिया अवार्ड (1990), मीडिया अवार्ड (1999) से सम्मानित । हिंदी फिल्म संगीत के भीष्म पितामह माने जानेवाले अनिल विश्वास की जीवनी ‘ऋतु आए ऋतु जाए’ एवं हिंदी सिनेमा के पहले सुपर स्टार अभिनेता–गायक कुंदनलाल सहगल की जीवनी ‘कुंदन’ पर सिनेमा के राष्ट्रीय पुरस्कार ‘स्वर्ण कमल’ सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित ।

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Reviews
यह किताब अतीत की गलियों में एक दिलचस्प यात्रा है। लेखक ने कहानी को इतनी खूबसूरती से बुना है कि मैं इसे छोड़ नहीं सका। यह उन लोगों के लिए जरूर पढ़ना चाहिए जो अतीत को जाने देना सीखना चाहते हैं और आगे बढ़ना चाहते हैं।
Shreya Kumari, Udaipur