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Hindi Cineyatra : Cinema Ka Itihas

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2025
978-93-48650-07-8

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यह दुनिया कलाओं से जीवित है। भारतीय कला की धाक पूरी दुनिया में हैं। कला द्वारा मस्तिष्क और कल्पना को शिक्षित करने का अर्थ ऐसे मस्तिष्क का निर्माण करना है जो मानवता के बेहतरीन सोपानों को पार करे, जहाँ से मनुष्य संकुचित विचारों से ऊपर उठ सकता है। वही कला संपूर्ण और महत्वपूर्ण होती है जिससे जनता का जुड़ाव होता है। सिनेमा आज के दौर का एक महत्वपूर्ण कला माध्यम है और इस कला माध्यम का अपने समाज से गहरे स्तरों पर जुड़ाव है। सिनेमा बुनियादी रूप से समाज से अलग नहीं होता। फिल्म मनोरंजन के लिए निर्मित हो या केवल पैसा कमाने के लिए वह कला के रूप में अद्वितीय है। सिनेमा ने सामाजिक यथार्थ को खूबसूरती से प्रस्तुत किया है। सिनेमा को केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं किया जा सकता बल्कि सिनेमा समाज को गहराई तक प्रभावित भी करता है और खुद प्रभावित भी होता है।

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