- New product
Hindi Ke Pramukh Sathottar Kathakar
हिन्दी की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘लमही’ की ‘हमारा कथा समय–1’ (‘समकालीन हिन्दी कहानी का स्त्री–पक्ष’ शीर्षक से प्रकाशित पुस्तक) की प्रभावशाली प्रस्तुति के बाद ‘हमारा कथा–समय–2 ‘प्रकाशित हुआ । सुखद है कि ‘हिंदी के प्रमुख साठोत्तर कथाकार’ शीर्षक से अब वह पुस्तकाकार हुआ है । इसमें वरिष्ठ कथाकार ज्ञानरंजन, काशीनाथ सिंह, दूधनाथ सिंह, रवींद्र कालिया, जितेंद्र भाटिया, असग़र वजाहत से लेकर उदय प्रकाश तक सभी महत्वपूर्ण कथाकारों के सृजन–संसार का विवेचन और विश्लेषण विवेक सम्मत ढंग से किया गया है । लमही पत्रिका के यशस्वी संपादक विजय राय ने पूरे कथा परिदृश्य पर विचार करते हुए लिखा है—“अब यह भी रेखांकित करने योग्य तथ्य है कि विमर्श के दायरे में महदूद रहकर लेखन करने से लेखक बाहर आ रहे हैं और उनकी अभिव्यक्ति का दायरा विस्तृत हो रहा है ।’’
You might also like
No Reviews found.