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Kinnar Desh Main
'किन्नर-देश में' (मई-अगस्त, 1948) की यात्रा का विवरण होने के साथ हिमालय के इस उपेक्षित भाग का परिचय-ग्रन्थ है। मैंने यहाँ नवीन भारत के नवनिर्माण की दृष्टि से वस्तुओं का वर्णन किया है। आरम्भ में ग्रन्थ लिखने का कोई विचार नहीं था। जो-जो बात आई, लिखता गया, वही सामग्री यहाँ इस ग्रन्थ के रूप में आप पा रहे हैं। हो सकता है कहीं-कहीं पुनरुक्ति हो, हो सकता है पूर्वापर को एक करके लिखने का गुण यहाँ न दिखलाई देता हो, किन्तु तो भी मैं समझता हूँ, हिमालय के इस अंचल के बारे में बहुत-सी ज्ञातव्य बातें यहाँ आई हैं। त्रुटियों के लिए मैं अपने को दोषी मानता हूँ। यदि यहाँ कुछ गुण हैं, तो उसके भागी मेरे वे मित्र हैं जिनका नाम स्थान-स्थान पर इस पुस्तक में आया है।
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Reviews
अच्छी पुस्तक है