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Kisan Kya Kare

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2024
978-93-48409-51-5

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किसान आन्दोलन बहुत कुछ आगे बढ़ चुका है। किसानों ने स्वयं अपनी सीधी लड़ाइयाँ भी बहुत कुछ लड़ी हैं। मगर यह चीज नाकाफी है यदि हम उनके और अन्य शोषितों के हाथ में शासन-सूत्र लाना चाहते हैं। यह बात क्रान्ति और भीषण उलटफेर के बिना नहीं हो सकती है और यह उलटफेर किसानों के दिल और दिमाग में मौलिक परिवर्तन चाहती है। उन्हें क्या करना है और कैसे करना है यह समझ लेना निहायत जरूरी है। अभी तक वे लोग प्रायः दकियानूसी दशा में ही पड़े हैं। उन्होंने आने वाली लड़ाई एवं उससे सम्बन्ध रखने वाले प्रश्नों को बखूबी समझा नहीं है। वे अपने कर्तव्य को, जो उनका उद्धार करेगा, समझते ही नहीं। उन्हें यह बात समझाने की कोशिश की जाती भी नहीं। अब सिर्फ ऊपरी मुलम्मा और मरहम पट्टी से काम चलने का नहीं। हमें मर्ज के मूल में पहुँच के उसके असली कारणों का पता लगाना और उन्हें दूर करना है। तभी आगे बढ़ सकते हैं। इसी दृष्टि से यह पुस्तिका लिखी गई है। यह किसानों को कुछ बुनियादी बातें बताएगी। जिसके फलस्वरूप वे अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकें। हमारे कार्यकर्ता भी ज्यादातर कोरे हैं। वे इन बातों को जानते तक नहीं। फिर किसानों को क्या सिखाएँ? इसके लिखने में हमारा यह भी मतलब है कि कार्यकर्ताओं का यथार्थ पथ प्रदर्शन हो।

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