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Lokgeeto Ka Stripaksh : Dukhva Main Kese Kahu
भारती गोरे गत 20 सालों से अध्यापन क्षेत्र में कार्यरत है। निवेदक, लेखक, संशोधक मार्गदर्शक और छात्र प्रिय प्राध्यापक के रुप में उनकी पहचान है। बेट पर कविता संग्रह, ज्योति पर्व अनुवाद, आधुनिक हिंदी काव्य मिमांसा सहित विविध ग्रंथ को उन्होंने लिखा है।
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