- New product
प्रत्येक 100 रुपये की खरीदारी पर 2 अंक अर्जित करें | 1 अंक= Rs. 1
Marxvadi Alochna Aur Ramvilas Sharma
वर्तमान समय में शोध-लेखन की दुर्गति किसी से छिपी नहीं है। विषय-वस्तु से लेकर विश्लेषण, विवेचन और प्रस्तुति की भाषा तक-सर्वत्र अगम्भीरता का और श्रम- विहीनता का राज है। ऐसे में 'रामविलास शर्मा और मार्क्सवादी आलोचना' को अपना विषय बनाना स्वयं ही काफी कुछ कह देता है। आज उन बड़े लेखकों की सामग्री जुटाना, उसे संगत इतिहास बोध के साथ जाँचना-परखना मात्र डिग्री-प्राप्ति से बाहर का प्रयत्न है। गहन अकादमिक रुचि, ईमानदार, विश्लेषण, तर्क और तथ्यप्रियता इस काम को गंभीर बना देते हैं। नीलोफर उस्मानी ने अपने समकालीनों और आने वाले युवा बौद्धिकों के लिए एक प्रशंसनीय पथ प्रशस्त किया है।
You might also like
Reviews
No Reviews found.