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Mashal Vo Subhash Kee aur Anya Natak

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2024
978-81-19141-57-9

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वर्तमान नाटक संग्रह मशाल वो सुभाष की और अन्य नाटक, जीवन रूपी रंगमंच की एकाधिक विसंगतियों का लेखा जोखा है । हर क्षण परिवर्तनशील जीवन प्रवाह में निर्मित होते असंख्य भंवर नाटक रचना की बुनियाद को सींचते हैं । मशाल वो सुभाष की और अन्य नाटक कई पड़ावों से गुज़रती ज़िन्दगी की रचनाएँ हैं । सुभाषचन्द्र बोस का बलिदानी जीवन नाटककार को हर भारतीय की तरह झकझोरता है । देश की गरिमा और आत्म सम्मान के पर्याय सुभाष की मशाल को बुझने नहीं दे सकते । अन्य छ: बहुरंगी मौलिक नाटक भी, जैसे एकल पात्र के अभिनय पर आधारित आईना, शोषित समाज का दर्पण भग्गू, उपेक्षा से मृतप्रायगंगा की कथा इस देश में गंगा बहती थी, विचित्र किन्तु सत्य उटको करामात, क्रूरता से आत्मउपलब्धी तक का सफर अजातशत्रु, शिक्षा जगत की कुछ विसंगतियाँ निकट दर्शन से इस संकलन का हिस्सा हैं । हिन्दी साहित्य गगन के ध्रुव तारा प्रेमचन्द जी की तीन कहानियों, जुर्माना, आँसुओं की होली, हिंसा परमो धर्म:, का लेखक द्वारा नाट्य रूपान्तरण भी इस संकलन में उपलब्ध है । आशा है रंगमंच व अन्य पाठकों द्वारा ये प्रयास ग्राह्य होगा और सराहा जायेगा ।

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