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Mask Wali Khushi
स्कूल, जिसके साथ बच्चों का रोज का जीवन जुड़ा हुआ है । स्कूल में बच्चे अक्सर धोखे में टीचर को ‘मम्मी’ पुकार लेते हैं और घर पर मम्मी को अनजाने ही ‘टीचर’ कह जाते हैं । एक अलग दुनिया है स्कूल की । एक अलग सा संसार । कितना भी कहा जा, स्कूल के लिए, कम पड़ जाता है । और जो कुछ कहा जा, स्कूल के लिए, वह तो हर बच्चा पहले से ही जानता है । किंतु अभी आप सभी बच्चे लॉकडाउन की वजह से अपने घर में रह रहे हैं । स्कूल से दूर रहते हुए कैसा लग रहा है ? यकीनन बच्चे अपने स्कूल को बुरी तरह ‘मिस’ कर रहे हैं । क्या ,ऐसा महसूस नहीं हो रहा कि अपने स्कूल से अलग रहते हुए न जाने कितने वर्ष बीत गए हैं! ,एक लंबा अरसा! इस कोरोना वायरस ने हमारे और हमारे स्कूल के बीच ,का पुल बना दिया है, जिस पर चलते हुए हमें डर लगता है और हम चुपचाप स्वयं को अपने घर में बंद कर लेते हैं । हां, यह कोरोना काल की बात है । अगस्त 2021 आ गया है । भारत में अनलॉक के बावजूद स्कूल नहीं खुले हैं । क्या आपको याद है कि कितने दिनों से अपना स्कूल नहीं देखा ? इससे पहले किस दिन गए थे स्कूल ? स्कूल में पढ़ते हुए अपने जिन साथियों से रोज मिलते थे, अब उनसे दूर रहते हु, कैसा लग रहा है ? नहीं बता सकते या बताना नहीं चाहते ? मैं बताती हूं । यह उपन्यास इसी विषय पर लिखा गया है । इसमें संसार भर के बच्चों की कहानी है । कोरोना महामारी की वजह से संसार भर के बच्चे जो झेल रहे हैं, महसूस कर रहे हैं, इसमें दिखाने का प्रयास किया गया है । –कामना सिंह
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