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Nari Hraday

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2024
978-81-978298-7-1

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प्रेमचंद से विवाह के पहले शिवरानी देवी के जीवन के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। जो बात आम तौर पर सभी जानते हैं, वह यह कि वे बाल विधवा थीं। मगर उनकी माँ कौन थीं, बचपन की शादी के पति कौन थे, उनकी शिक्षा कहाँ पर और कहाँ तक हुई, यह सभी कुछ अंधेरे में ही है। प्रेमचंद के बारे में अपने संस्मरण में वह अपने पति की जन्मतिथि तो बताती हैं, मगर अपनी पैदाइश की तारीख नहीं बतातीं। उनकी किशोरावस्था के बारे में जो भी हम जानते हैं, वह अनुमान पर आधारित है। तो फिर इसमें ताज्जुब की क्या बात है कि उनकी कहानियाँ भी उनके मरने के बाद, बल्कि उनके जीवन में ही, अंधेरे में लुप्त हो गयीं। उनकी ज़्यादातर कहानियाँ 1930 के दशक में 'चाँद' नामक पत्रिका में छपीं मगर उस शुरुआती प्रकाशन के बाद वे लगभग आठ दशकों तक सामने नहीं आयीं। 'कौमुदी' शीर्षक से उनकी कहानियों का संग्रह 1937 में सरस्वती प्रेस ने छापा था। फिर एक लंबे अंतराल के बाद, 2020 में नयी किताब प्रकाशन ने इस संग्रह को दोबारा प्रकाशित करके शिवरानी देवी के साहित्य पर से पर्दा कुछ हद तक हटाया। अब नयी किताब प्रकाशन द्वारा ही उनके दो अन्य कहानी संग्रह 'नारी हृदय' और 'पगली', शीघ्र प्रकाश्य हैं। कहानियों का पुनर्जीवित हो जाना सचमुच सुखद है। बल्कि 'पगली' की कहानियाँ तो पुस्तक के रूप में पहली बार आ रही हैं।

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