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Pahle Shabd Jaisa Dekho - Hemant Kukreti : Ab Tak
एक युवा कवि की पहली किताब की तुलना एक ऐसे शास्त्रीय संगीतकार की पहली सार्वजनिक प्रस्तुति से की जा सकती है जो अपनी लम्बी साधना और रियाज़ के बाद मन में कुछ साहस और कुछ उत्सुकता छिपाये हुए एक साथ एक संकोच और आत्मविश्वास के साथ सामने आया हो । उसकी प्रस्तुति में किसी अलंकरण या लाघव या महान कलात्मकता जैसी चीजें नहीं होंगी, पर वह ताज़गी और सच्चाई जरूर होगी जो कि भविष्य के बड़े कलाकार की निर्मित करती हैं । --मंगलेश डबराल हेमंत कुकरेती में विशिष्ट मानवीय आत्म– विश्वास भी है । उनका कवि अपने को भंगुर नहीं मानता । वह कृतज्ञ है कि उसके आदमी बनने में बहुत लोगों ने अपना काफी कुछ खर्च किया है । लिहाज़ा ऐसे आदमी को आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता । --विष्णु खरे उनकी प्रत्येक कविता दूसरी से इसलिए अलग लगती है कि उनका कवि जोखिम उठाना जानता है और प्रयोग करने के लिए ही प्रयोग नहीं करता । हेमन्त आज के कवि हैं । उनकी ‘सिलबट्टा’ सरीखी कविता का कैनवस क्लैसिक रचना की तरह सघन है । हिन्दी की उत्तर आधुनिक कविता की पहचान के प्रामाणिक चिह्न भी उनकी कविताओं में नजर आते हैं । --प्रभाकर श्रोत्रिय
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