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Prashasanik Shabdawali

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2022
978-93-92380-51-8

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मनुष्य के पास ज्ञान का असीमित भण्डार है जिसका निरन्तर वृद्धि और विकास होता रहता है । ज्ञान–वृद्धि का क्षेत्र विविधतापूर्ण होता है । ज्ञान के विकास की प्रक्रिया में अभिव्यक्ति और प्रतिपादन के लिए सामान्य और प्रचलित भाषा धीरे–धीरे असमर्थ होने लगती है, तब विषय की माँग के अनुसार नये शब्दों की आवश्यकता अनुभव होने लगती है । ‘पारिभाषिक शब्दों’ का निर्माण इसी उद्देश्य की संपूर्ति में निहित है । पारिभाषिक शब्द को अँग्रेजी में ‘ज्मबीदपबंस ज्मतउ’ कहा जाता है । सामान्य अर्थ में विभिन्न शास्त्रों और वैज्ञानिक विषयों में एक सुनिश्चित अर्थ अभिव्यक्त करने वाले और उसी में संदर्भ परिभाषित किये जा सकने वाले शब्द ‘पारिभाषिक शब्द’ कहलाते हैं । दूसरे शब्दों में ज्ञान की किसी विशेष शाखा से सम्बन्ध रखनेवाली विशिष्ट शब्दावली ‘पारिभाषिक शब्दावली’ कहलाती हैं

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