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Pratinidhi Nibandh : Kubernath Rai
कुबेरनाथ राय जन्म : 1935, मतसा, गाजीपुर (उ.प्र.) । शिक्षा : काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से बी. ए. (अंग्रेजी साहित्य, दर्शन, गणित) एवं एम.ए. (अंग्रेजी साहित्य) कलकत्ता विश्वविद्यालय से । आजीविका : अल्पकालिक अध्यापन विक्रम विद्यालय, हावड़ा में । 1959 से 1984 तक नलबारी कॉलेज (असम) के अंग्रेजी विभाग में व्याख्याता एवं विभागाध्यक्ष। 1986 में स्वामी सहजानंद महाविद्यालय (गाजीपुर) के प्राचार्य पद पर नियुक्ति । 30 जून 1995 को सेवामुक्त । प्रकाशित रचनाएं : प्रिया नीलकंठी (1969), रस आखेटक (1971), गंधमादन (1972), निषाद बांसुरी (1973), विषाद योग (1974), पर्ण-मुकुट (1978), महाकवि की तर्जनी (1980), पत्र मणिपुतुल के नाम (1980), मन पवन की नौका (1983), किरात नदी में चंद्रमधु (1983) ; दृष्टि अभिसार (1985), त्रेता का वृहत्साम (1986), कामधेनु (1990), मराल (1993), उत्तर कुरु (1993), चिन्मय भारत (1996), वाणी का क्षीरसागर (1998), कंथामणि (कविता, 1998), अंधकार में अग्निशिखा (1998), रामायण महातीर्थम (2002), आगम की नाव (2005) सम्मान : मूर्तिदेवी पुरस्कार, आचार्य रामचंद्र शुक्ल सम्मान, अभयानन्द पुरस्कार, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पुरस्कार और साहित्य भूषण सम्मान प्राप्त हैं। निधन : 5 जून 1996, गाजीपुर
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