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Shailesh Matiyani : Yaden Aur Mulakaten
शैलेश मटियानी का जन्म उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र के अन्तर्गत अल्मोड़ा जिले के बाड़ेछीना नामक गाँव में १४ अक्टूबर १९३१ में हुआ था। उनका मूल नाम रमेशचन्द्र सिंह मटियानी था। बारह वर्ष की अवस्था में उनके माता-पिता का देहांत हो गया था, तब वे पाँचवीं कक्षा में पढ़ते थे, तदुपरान्त अपने चाचा लोगों के संरक्षण में रहे। किन्हीं कारणों से निरन्तर विद्याध्ययन में व्यवधान पड़ गया और पढ़ाई रुक गई। इस बीच उन्हें बूचड़खाने तथा जुए की नाल उघाने का काम करना पड़ा। पाँच साल बाद 17 वर्ष की उम्र में उन्होंने फिर से पढ़ना शुरु किया। विकट परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण की तथा रोजगार की तलाश में पैत्रिक गाँव छोड़कर १९५१ में दिल्ली आ गये। यहाँ वे 'अमर कहानी' के संपादक, आचार्य ओमप्रकाश गुप्ता के यहाॅं रहने लगे। तबतक 'अमर कहानी' और 'रंगमहल' से उनकी कहानी प्रकाशित हो चुकी थी। इसके बाद वे इलाहाबाद गये। उन्होंने मुज़फ़्फ़र नगर में भी काम किया। दिल्ली आकर कुछ समय रहने के बाद वे बंबई चले गए। फिर पाँच-छह वर्षों तक उन्हें कई कठिन अनुभवों से गुजरना पड़ा। १९५६ में श्रीकृष्ण पुरी हाउस में काम मिला जहाँ वे अगले साढ़े तीन साल तक रहे और अपना लेखन जारी रखा। बंबई से फिर अल्मोड़ा और दिल्ली होते हुए वे इलाहाबाद आ गये और कई वर्षों तक वहीं रहे। 1992 में छोटे पुत्र की मृत्यु के बाद उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। जीवन के अंतिम वर्षों में वे हल्द्वानी आ गए। विक्षिप्तता की स्थिति में उनकी मृत्यु दिल्ली के शहादरा अस्पताल में हुई।
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