• New product

Hashiye Ke Samuday Me Shiksha

(0.00) 0 Review(s) 
2017
978-93-85450-87-7

Select Book Type

Earn 4 reward points on purchase of this book.
In stock

राजस्थान की भौगोलिक स्थिति यहाँ की आबादी के लिए सदा से संकट खड़ा करती आई है इसके साथ राजस्थान की सामाजिक, सांस्कृतिक और सामन्ती व्यवस्था ने इस संकट को और जटिल बनाया है जिसका एक क्रूर रूप हम यहाँ की शिक्षा व्यवस्था में देख पाते हैं । राजस्थान में बहुत सारी जातियां हाशिये के भी अंतिम छोर पर पहुँच चुकी हैं । ये जातियाँ अब लुप्त होने की कगार पर हैं । प्रदेश के कथौडी, सपेरा, कालबेलिया, बंजारे, बलाई आदि समुदायों की आर्थिक और शैक्षिक स्थिति बहुत खराब है । प्रसिद्ध शिक्षाविद राजाराम भादू की किताब ‘हाशिये के समुदायों में शिक्षा’ राजस्थान की ऐसी ही अनुसूचित जाति जनजातियों में शिक्षा की वस्तुस्थिति के बारे में पड़ताल करती है । इस किताब में राजस्थान में आज़ादी के आन्दोलन से लेकर मौजूदा समय तक शिक्षा के विकास को विवेचित किया गया है । यह बहुत प्रेरणादायी बात है कि आजादी के आन्दोलन में स्थानीय रजवाड़ों के खिलाफ उठ खड़े किसान आंदोलनों में भी शिक्षा की मांग उठाई गई थी । शेखावटी के किसान आन्दोलन, विजय सिंह पथिक के बिजौलिया आन्दोलन और आर्य समाज आन्दोलन आदि सभी आन्दोलनों में समाज को शिक्षित करने और ख़ास तौर पर वंचित समुदायों में शिक्षा की अलख जगाने जैसे मुद्दों को हमेशा तवज्जो दी गई । राजस्थान ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत में दलित–दमित वर्गों में शैक्षिक स्थिति पर इस दृष्टिकोण से लिखी पुस्तक मिलना दुर्लभ है । ऐसे में यह किताब राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था को समझने और उसे दुरुस्त करने के लिए मशाल का काम करेगी । — स्वतंत्र मिश्र

You might also like

Reviews

No Reviews found.