- New product
Main Zinda Hu
जन कवि सदानन्द भोसले ने हिन्दी काव्य परम्परा को एक नया मोड़ दिया है, उनकी कविताओं ने जमीनी हकीकत को जिन्दा किया। यही कारण है कि भारतीय ज्ञान और मनीषा के विविध आयाम उनकी कविताओं की अर्थभूमि बन गयी है। जन कवि सदानन्द भोसले ने सच को नजदीक से देखा है तथा सच की आँच पर भारतीय वाङ्मय की प्रवृत्तियों को परखने की कोशिश की है। इसलिए उनकी वाणी में बनावटीपन नहीं है। उनकी कविताओं में लाग लपेट नहीं है। दिल की बात को सदानन्द भोसले ने दिल तक पहुँचाने की अथक मेहनत की है। उन्हें मेहनत पर विश्वास है। यह दुनिया मेहनत से खिलती है। उनकी कविताओं में खेत का जिक्र हुआ है। फसल काटने वालों की भीड़ उनकी कविताओं में नहीं दिखती है; उनकी कविताओं में फसल उगाने वालों का ताँता लगा हुआ है। दरअसल बात भी सच है कि इस मायावी दुनिया में जहाँ लोग पद-प्रतिष्ठा के पीछे भागते नजर आते हैं, वहीं उनकी कविता यह कहती है कि आस्था को मलिन नहीं होने देना चाहिए
You might also like
No Reviews found.