• New product

Tung-Hwang Ke Yatra Path Par

(0.00) 0 Review(s) 
2023
978-93-92380-48-8

Select Book Type

Earn 5 reward points on purchase of this book.
In stock

लेखक ने सात खंडों में विभाजित इस यात्रा–वृत्तांत से जुड़ी तैयारियों-हवाई यात्रा, संगी–साथी के सुख–दु:ख, पेकिंग प्रवास के दौरान सरकारी आतिथ्य, महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का भ्रमण, प्रमुख संग्रहालय, उद्यान, पैगोडा, बौद्ध–विहार, प्राचीन राजवंशों के प्रासाद, विश्व–प्रसिद्ध सातवाँ आश्चर्य ‘चीन की दीवार’ के परिदर्शन का सिलसिलेवार ढंग से उल्लेख किया है । अपने व्यस्त कार्यक्रमों और पूर्व–निर्धारित आयोजनों में भाग लेने के दौरान धीरेन बाबू ने पेकिंग में ची.पाई.सी (विशिष्ट चित्रकार), जूँपियर (वरिष्ठ चित्रकार), प्रसिद्ध विद्वान चेङ्–चेन.दे, माइलङ् पाङ् (मंच अभिनेता) आदि से मिलने का सुयोग पाया था । भगवान बुद्ध की 2500वीं वर्ष पूर्ति के ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थित होकर भारत का प्रतिनिधित्व करने और एक अक्टूबर, 1955 को आयोजित तत्कालीन सरकार के स्थापना दिवस पर टूङ्–चाङ् एन–चे (चिरस्थायी शांति पथ) राजपथ पर आयोजित महोत्सव में भाग लेने का मौक़ा मिला था । उन्हें यहाँ देश के अध्यक्ष माओ–त्से–तुङ् और अन्य कई विशिष्ट सज्जनों से मिलने और ऐतिहासिक ‘थि–एन–म्यान’ के विशाल प्रांगण के इस भव्य आयोजन का आनंद उठाने का अवसर प्राप्त हुआ । इसका पूरा विवरण प्रस्तुत करते हुए लेखक ने अनेक गणमान्य भारतीय और चीनी अधिकारियों की उपस्थिति का भी ज़िक्र किया है, जिससे यह प्रसंग दस्तावेज़ी हो गया है । चूँकि पूरी पुस्तक का एक–एक प्रकरण और उससे जुड़े प्रसंगों में लेखक तत्कालीन चीन के पेकिंग जैसे महानगर तथा केन्टेन, सियाङ्, आन्सि, कानसु आदि प्रमुख स्थानों के साथ तुङ्–ह्वाङ् जैसे अलग–थलग पड़े अंचलों के अनजाने और अप्रत्याशित, यहाँ तक कि अविश्वसनीय घटनाओं को बिना किसी लाग–लपेट के पिरोते चले गए हैं ।

You might also like

Reviews

No Reviews found.