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Vahan Se Yahan Tak
आप जो कुछ पढ़ने जा रहे हैं निश्चय ही वह आत्मकथा नहीं है । आत्मकथा उनकी होती है जिन्हें लोग जानते और मानते हैं । जो उनके लिए बहुत ख़्ाास होते हैं । जिनके बारे में लोग ज्यादा विस्तार और और गहराई से जानना चाहते हैं । मैं तो ऐसे आत्म कथाकारों की तुलना में इतना तुच्छ हूँ, इतना सा/ाारण हूँ कि आत्मकथा लिखने के लिए सोचने का भी साहस नहीं कर सकता । बस अपनी बिताई हुई जिन्दगी से तटस्थ और निस्संग होकर उसकी पड़ताल करने की छटपटाहट है जो मुझसे यह सब लिखवा रही है । इस पड़ताल में कुछ भी तो ऐसा नहीं जिसे आपके सामने यह मानकर रख सकूँ कि यह आपके काम का है । बस अपने व्यतीत को लेकर जो कुछ याद आ रहा है उसे कुछ तरतीब और कुछ बेतरतीब लिखने की कोशिश कर रहा हूँ ।
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