Jaysingh Neerad
About Jaysingh Neerad
जयसिंह 'नीरद'
* बुन्देलखण्ड अंचल में जिला जालौन के ऊमरी गाँव में 2 जनवरी, 1954 को जन्म। स्नातकोत्तर स्तर तक सम्पूर्ण शिक्षा दिल्ली में।
मेरठ विश्वविद्यालय (वर्तमान में चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय) से 'दिनकर के काव्य में परम्परा और आधुनिकता' विषय पर पी-एच.डी. की उपाधि विगत 40 वर्षों तक क्रमशः प्रवक्ता, प्रवाचक एवं आचार्य
पद पर रहकर अध्यापन । चेक गणराज्य की राजधानी प्राग के चार्ल्स विश्वविद्यालय में आचार्य के रूप में अध्यापन।
कन्हैयालाल मुंशी हिन्दी तथा माषाविज्ञान विद्यापीठ में निदेशक पद से 30 जून, 2016 को सेवा-निवृत्त
कृतियाँ:
आलोचना : आधुनिकता के हाशिये में उर्वशी, दिनकर के काव्य में परम्परा और आधुनिकता, दिनकर व्यक्ति और सृजन, जहाँ में खड़ा हूँ, परंपरा, आधुनिकता और दिनकर, हिंदी नवजागरण जाने-अनजाने संदर्भ, ऑखिन देखी कागद लेखी, सूर काव्य के
विविध आयाम, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ।
कविता: में तुम्हारा आईना, ढलान पर
चढ़ता सूरज, आग एक संभावना, गीली मिट्टी का एक लौंदा, कहना जग को रास न आया, पसरी हुई हथेलियों का शहर (आपके हाथों में)
Books by the Author Jaysingh Neerad
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