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Varchasv Aur Pratirodh
“एडवर्ड डब्ल्यू सईद का पश्चिमी और विशेषत% आंग्लभाषी बौद्धिक जगत पर गहरा असर पड़ा है और यह नितांत आवश्यक है कि हिंदी में भी हमारी अपनी उत्तर–औपनिवेशिक दृष्टि, विवेक और अपेक्षा से उनका कृतित्व पढ़ा और गुना जाय । इस पुस्तक में समायोजित विशद और विविध–आयामी चयन से अब यह सहज ही संभव हो सकेगा । इसके संपादक–अनुवादक प्रोफेसर रामकीर्ति शुक्ल को इस विमर्श की गहरी समझ है और हिंदी–अंग्रेज़ी पर समान अधिकार भी । उनके इस श्लाघनीय उद्यम का हिंदी पाठकों द्वारा अवश्य ही स्वागत होगा ।” हरीश त्रिवेदी भूतपूर्व प्रोफेसर व अध्यक्ष अंग्रेज़ी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय
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