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Aadhunik Ram Kavya Ki Parampara

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2017
978-81-90488-61-7

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डाॅ. महेश सिंह यादव पिता: स्व. सुमेर सिंह यादव जन्म: 01.12.1969 ग्राम: बड़ागाँव पो.: बड़ागाँव जिश्ला: गाजश्ीपुर (उ. प्र.) 275202 सम्पर्क सूत्रा: 9411226098 हाईस्कूल: जनता ई. का दुल्लपुर, गाजीपुर से प्रथम श्रेणी में। इण्टरमीडिएट: महन्त रामबरनदास इ. का. भुड़कुड़ा, गाजश्ीपुर से द्वितीय श्रेणी में स्नातक: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से द्वितीय श्रेणी में। स्नातकोत्तर: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी से हिन्दी विषय से प्रथम श्रेणी में। पीएच. डी.: काशी हिन्दू महाविद्यालय, वाराणसी से। स्लेट: राजस्थान लोकसेवा आयोग से हिन्दी में। नेट: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली से । पत्राकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रथम श्रेणी में। पत्राकारिता में स्नातकोत्तर डिग्री प्रथम श्रेणी में भाषा विज्ञान से स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रथम श्रेणी में। प्रयोजनमूलक हिन्दी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रथम श्रेणी में। बी. एड. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से प्रथम श्रेणी में एम. ए. शिक्षा शास्त्रा प्रथम श्रेणी में। वर्तमान में आर. जी. एन. पी. काॅलेज राजा का ताजपुर बिजनौर में प्रवक्ता पद पर कार्यरत। कुल साठ शोधपत्रा विभिन्न शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। कुल पाँच कवितायें विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। कुछ छः कहानियाँ विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। एक दोहा-संग्रह अष्टसई प्रकाशित।

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Reviews
यह पुस्तक आधुनिक राम काव्य की जटिलताओं को खोलती है। Dr. Mahesh Singh Yadav ने राम की कहानी के विभिन्न आधुनिक रूपों की गहन पड़ताल की है। पुस्तक यह दिखाने का उत्कृष्ट कार्य करती है कि कैसे समकालीन कवियों ने रामायण की प्रासंगिकता को बनाए रखा है। मुझे विशेष रूप से यह पसंद आया कि कैसे पुस्तक सामाजिक और राजनीतिक संदर्भों को उजागर करती है जिसमें ये आधुनिक रचनाएँ लिखी गई थीं। राम कविता में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए यह अवश्य पढ़ी जाने वाली पुस्तक है।
Mohit Paswan, Lucknow