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Aadi - Tirchi Rekhaye
उनके इस सजग दायित्त्वबोध में अपने लिये एक ओर कविकर्म के अर्थ को परिभाषित करने वाली अनेक कविताएँ हैं तो दूसरी और समाज, प्रकृति और पर्यावरण, स्त्री, भ्रष्टाचार इत्यादि विषयों की छानबीन और तीसरी तरफ अनुभूतियों को बिम्बों में ढालने का यथोचित उपक्रम । एक कविता में अपनी पहचान वे ‘ओस की बूँद’ तय करती हैं और एक अन्य कविता में ‘ओस की बूँद’ अपने भीतर झिलमिलाते इन्द्रधनुष से दुनिया को रंग देने का स्वप्न देखती हैं । सुदृढ़ और सकारात्मक सोच इन कविताओं की बहुत बड़ी ताकत है । पुष्पा मेहरा की ये कविताएँ रचनाकर्म के मूलभूत गन्तव्य की दिशा में निरन्तर प्रस्थान का कर्म हैं । आज जबकि शहरी जीवन की अन्धाधुन महत्त्वाकांक्षाओं की दौड़, गलाकाट प्रतियोगिता की आपाधापी में मनुष्य, दूसरों की कौन कहे, अपने आप से ही अजनबी होता जा रहा है, तब भाषा के मा/यम से रचने का, दूसरे शब्दों में कहें तो कविता काय मूलभूत और बड़ा लक्ष्य है स्वयं को अपने आप से जोड़ना, अपनी इच्छाओं और स्वप्नों को शब्दों में बाँ/ा कर परिभाषित करना और उनके आइने में अपनी तस्वीर को देखना, पहचानना, निरन्तर संशोधित और परिवर्धित करते रहना । पुष्पा मेहरा की कविताएँ इस पहचान का प्रमाण हैं । सकारात्मक सोच इन कविताओं की बड़ी ताकत है जो इस प्रस्थान से उपजती है । -अर्चना वर्मा
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