- New product
Aadmi ki duniya ka din
आज का कवि अपनी समकालीन दुनिया की प्रतीतियों का मानचित्राकार (कार्टोग्राफर) है। पूर्वकालीन दार्शनिक और समकालिक विज्ञानवेत्ता भी ऐसे ही थे जिन्होंने रहस्यमय दुनिया के घटना-क्रिया-व्यापार को अपना एकलाक्षणिक मान-चिन्तन दिया है। ज्ञान और विज्ञान जबकि धारणात्मक अनुमान और घटित अनुमेय पर आधारित है कविता इससे आगे बढ़कर उसे उपमान और उपमेय से रूपाकृति और अपने भावविश्व से सजीव बनाती है। कविता यथार्थ और वास्तविकता का सघन सार होती है और अपनी तरह की एक अलग सी ध्वनि। ‘आदमी की दुनिया का दिन’ वरिष्ठ कवि श्रीनिवास श्रीकान्त का छठा कविता संग्रह है। प्रस्तुत संकलन की कविताओं का रचनाकार एक अन्वेषी कवि हैं। अपने भाव संसार में रहकर उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से एक ऐसी सौन्दर्यबोधी और भावपरक कार्टोग्राफी की है जिसके जरिये एक हस्सास और सम्वेदनशील पाठक अपने समय की विविध स्तरीय दुनियाओं में सहजता के साथ उतर सकता है। इनके निहितार्थ में कहीं कहीं भावातिरेक होते हुए भी वे आपकी व्यवहार बुद्धि को गुणग्राह्य बनाने के लिए तेजधार करेंगी। कवि के काव्यजगत का फलक सुविस्तृत है जिसमें रचनाकार की अभिव्यंजना, मानवीय परिवेश के अवमूल्यन, ब्रह्माण्डीय शक्तियों के प्रति उसकी जवाबदेही और रहस्यमय गूढ़ तत्वों के प्रति उसकी चिन्ताएं बखूबी रेखांकित है। इसी संदर्भ में बहुखण्डों में रचित संग्रह की कविता ‘अंधेरे’ अनेक दृष्टियों से महत्वपूर्ण और समयोपयुक्त है। ये सभी कविताएं खण्डवार हमारे समय और हमारे देशकाल का सर्वांगीय जायजा लेती है। श्रीनिवास श्रीकान्त की कविता में नगर और गांव अलग अलग रूप में चरितार्थ हुए हैं। कहीं वे परस्पर तुलनात्मक हैं, कहीं समानान्तर और कहीं ग्राम्यतत्व के समसामयिक विलोपन की प्रक्रिया के रूप में। देहात के लोग, शिल्मी, कलमी बांस का पौधा देहात की मौलिक मुद्राओं को सजीवता के साथ चित्रित करती हैं। श्रीनिवास श्रीकान्त हिन्दी पीढ़ी के ऐसे वरिष्ठ कवि और आलोचक हैं जिन्होंनें उम्र की दुश्वारियों को पीछे छोड़ते हुए गत पांच दशकों में निरन्तर सृजन किया है।