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Adha Cup Chai Aur Kavitayen

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2022
978-93-92380-09-9

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तुम वापिस नहीं लौटे विदेश से तुलसी के पत्ते प्रतीक्षारत बदलते हैं केवल रंग मौसमों के बदलने पर मिट्टी का कुल्हड़ वहीं है पहाड़ वाले घर में यहां नहीं पहुंचती ट्रेन हवाई जहाज भी नहीं जानता गांव का रास्ता तुम्हें पसंद है चाय में तुलसी की महक अगली बार ले जाना सूखे पत्ते साथ अपने उस चाय में या उसकी भांप के स्पर्श में शायद मैं मिल जाऊं तुम्हें!

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