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Amarbel aur Anya Ekankiyan
नमस्कार प्रिय सुज्ञ पाठकों! यह मेरा स्व-लिखित पहला एकांकी संकलन है। अपना यह संकलन हिन्दी साहित्य प्रेमी, शोधार्थियों, आलोचकों, रंगकर्मियों, छात्रों आदि के सम्मुख प्रस्तुत करते हुए बड़ी प्रसन्नता हो रही है। इस संकलन के एकांकी नाटक-प्रेम, देशभक्ति, विभिन्न सामाजिक समस्याओं की सशक्त अभिव्यक्ति करते हैं। इन एकांकी में समाज की ज्वलन्त समस्याओं को उठाने का प्रयास किया है। जैसे स्त्री भ्रूण हत्या, निसन्तानता की पीड़ा, समाज में लड़कियों का स्थान। 'भ्रूण' एवं 'अमरबेल' सामाजिक एकांकी हैं। साथ ही देश प्रेम, देश भक्ति और बलिदान की भावना को उत्पन्न करने वाले विषयों को भी एकांकी में स्थान दिया है। 'कैंची और बन्दूक', 'एक निष्ठावान सिपाही', 'पुलवामा' जैसे एकांकी में देश के लिए मर मिटने वाले देश भक्तों, सिपाहियों के जीवन के साथ उनके निजी जीवन को भी रेखांकित करने का प्रयास रहा हैं। इस संकलन में मैंने महाविद्यालय में अध्यापन करते हुए 2015 से लेकर 2020 तक लिखी गयी एकांकी को शामिल किया हैं। इस संकलन में सम्मिलित एकांकी वास्तव में छात्रों के लिए प्रति वर्ष एक एकांकी के अनुपात में युवक महोत्सव में रंग मंचन हेतु लिखे गये थे। मुझे कई साहित्यकार मित्रों ने सुझाव दिया कि क्यों न इन सभी एकांकिकाओं को संकलित कर पुस्तक का रूप दिया जाए। मैंने उनका मान रखते हुए इसे पुस्तक का रूप दे दिया।
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