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Gandhi Chintan
महात्मा गांधी के जीवन और चिंतन ने विश्व मानवता को प्रभावित–आलोकित किया है । अपने चिंतन को उन्होंने सत्य के साथ किए गए प्रयोग की परिणति बताया था । कभी सूर्यास्त न होनेवाले विशाल ब्रिटिश साम्राज्य को उन्होंने सत्य एवं अहिंसा के माध्यम से चुनौती दी थी, जिसके परिणामस्वरूप देश को राजनैतिक आजादी प्राप्त हुई । आजाद भारत में जिस प्रकार के स्वराज का गांधी ने सपना देखा था, वह अभी भी पूरी तरह से संभव नहीं हो पाया है । वे शोषणमुक्त–न्याययुक्त समाज की रचना करना चाहते थे, जिसकी झलक उनकी प्रसिद्ध पुस्तक ‘हिन्द स्वराज’ में देखी जा सकती है । भारत में इस प्रकार के अहिंसक स्वराज की स्थापना करके वे पूरी दुनिया को इस दिशा में प्रेरित करना चाहते थे । आज भारत और सम्पूर्ण विश्व अशांति, आतंकवाद, विषमता, बेकारी, भ्रष्टाचार व पर्यावरण असंतुलन आदि संकटों से जूझ रहा है और भूमंडलीकरण, उदारीकरण, निजीकरण की प्रक्रिया पूरी दुनिया में नित्य नए–नए संकटों को जन्म दे रही है । पूंजीवाद इन संकटों का मुक़ाबला करने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है । वैश्विक परिदृश्य में शक्ति का संतुलन भी असंतुलित हो गया है । ऐसी परिस्थिति में विश्व मानवता के प्रतीक महात्मा गांधी का चिंतन नए सिरे से प्रासंगिक हो उठा है, जिसके विवि/ा पहलुओं पर समग्रतापूर्वक विचार–विमर्श करने व उसे अपनाने की जरूरत है । -विभूति नारायण राय