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Hindi Shikshan Ka Antarrashtriya Pariprekshya
आज हिंदी अंतरराष्ट्रीय पटल पर स्थापित होने की दिशा में अग्रसर है । इस संदर्भ में यह पुस्तक शिक्षण अनुभव के आधार पर अन्य देशों के छात्रों और अध्येताओं को हिंदी सीखने और उसके प्रयोग में दक्ष बनाने और हिंदी का प्रचार–प्रसार करने के लिए तैयार की गई है । इसमें हिंदी सिखाने के सूत्र, सिद्धांत, शिक्षण विधियों और प्रविधियों को प्रस्तुत किया गया है । हिंदी शिक्षण के दो पक्ष हैं % साहित्य और भाषिक कौशलों का शिक्षण । पुस्तक दोनों के लिए उपयोगी है । इसमें विभिन्न कौशलों के विकास के लिए अभ्यास दिए गए हैं । साहित्य के पाठों का शिक्षण की दृष्टि से विश्लेषण भी दिया गया है । पाठ के अंत में अभ्यास दिए गए हैं जिनकी सहायता से भाषा दक्षता विकसित हो सकेगी । साथ ही सांस्कृतिक तथ्यों की जानकारी भी दी गई है । परिशिष्ट में पठन और लेखन कौशल विकास की दृष्टि से उपयोगी सामग्री दी गई है । इसमें हिंदी साहित्य और भाषा के इतिहास की संक्षिप्त जानकारी भी सरल शब्दों में प्रस्तुत है । अध्यापक इनकी सहायता से हिंदी शिक्षण को प्रभावी बना सकते हैं और विभिन्न समस्यायों के समाधान पा सकेंगे । वे भाषा शिक्षण के नए प्रयोगों से भी परिचित हो सकेंगे । विशेषत% कौशल सिखाने के संदर्भ में और साहित्य के पठन–पाठन की दृष्टि से उपयोगी पद्धतियों को प्रस्तुत किया गया है । शिक्षण के लिए नई योजनाओं के प्रारूप भी दिए गए हैं जिनका प्रयोग कर छात्रों को भाषा प्रयोग में दक्ष बनाया जा सकेगा ।
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