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Kavitaon Ka Indradanush
बच्चों की दुनिया बच्चे जब हैं खुश होते । मीठे सपनों में हैं खोते। बच्चों की दुनिया है न्यारी । सबसे अलग कितनी प्यारी । एक हंसा तो सारे हंसेंगे । कहना जितना चुप न करेंगे । गुड़िया गुड्डे से हैं लगते । छवि सुन्दर सी है मनोहारी । तुतला के जब गीत हैं गाते। हीरो बनके हैं छा जाते । सुर लय धुन अपनी छेड़ें। झोंकते ताकत वे सारी । भाग दौड़ में सब लेते दौड़ते कुछ खड़े ही रहते । सीटी बजती तो चल पड़ते । गूंजती इनकी है किलकारी ।
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