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Main Kyu Likhta Hu
मैं क्यों लिखता हूं’ साहित्य जगत का चिर प्राचीन और साथ ही चिर नवीन प्रश्न हैै । कुछ प्रश्न होते हैं, जो अपने उत्तर खोज लिये जाने के बाद निरस्त हो जाते हैं । कुछ प्रश्न होते हैं, जिनके उत्तर खोजे जाते रहते हैं, फिर भी प्रश्न बने रहते हैं । जो प्रश्न संभावित उत्तरों के बावजूद समाप्त नहीं होते, उनके जवाब खोजने का सिलसिला जारी रहता है । ऐसेे प्रश्न, जीवित प्रश्न होते हैं । जीवित प्रश्न हर समय में जीवन में रुचि रखने वाले लोगों के सम्मुख जवाब माँगने खड़े होते हैं । लिखने और पढ़ने वाले लोगों की दुनियाँ में ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ जीवित प्रश्न है । साहित्य के प्रयोजन को लेकर चिन्तन के व्यापक सन्दर्भ साहित्य शास्त्र में विमर्श के केन्द्र में स्थित हैं । साहित्य के प्रयोजन को लेकर साहित्य शास्त्र से इतने रचनात्मक धरातल पर यह पुस्तक भिन्न और नवीन प्रस्तुति है । इस पुस्तक में महत्वपूर्ण रचनाकारों के अपने रचनाकर्म के प्रयोजन को लेकर अनुभव और विचार की सूक्ष्म और गहन पड़ताल आपको दिखाई पड़ेगी । इस पुस्तक में उत्तर नहीं, उत्तरों की खोज के लिये सहयात्रा का आमंत्रण है।
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