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Mannu Bhandari Ke Katha-Sahitya Mein Anterdwandva
स्वातंत्र्योत्तर युग के हिन्दी साहित्यकारों में बहुमुखी प्रतिभासम्पन्न श्रीमती मन्नू भण्डारी का अपना एक विशिष्ट स्थान है । वे एक सर्वश्रेष्ठ कहानीकार होने के साथ-साथ उच्चकोटि की उपन्यासकार एवं नाटककार भी है । उनकी ‘एक कहानी ये भी’ आत्मकथा भी प्रकाशित हो चुकी है । नि:सन्देह मन्नू जी की साहित्य सेवा के प्रति निष्ठा तथा लेखकीय दायित्व का सजग निर्वहन बेहद प्रशंसनीय है । मन्नूजी का कथा साहित्य किसी कल्पना लोक या बाह्य जगत का साहित्य न होकर यथार्थ के ठोस धरातल तथा मानव के अन्तर्जगत का साहित्य है जो पाठकों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों की वास्तविकता से परिचित करवाता है ।
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