• New product

Mantri Kya Bane Laat Ho Gaye

(0.00) 0 Review(s) 
2021
978-91-953969-5-5

Select Book Type

Earn 5 reward points on purchase of this book.
In stock

साहित्य की दुनिया में जयनंदन का नाम एक सुप्रसिद्ध कथाकार के तौर पर दर्ज है । चालीस वर्षों की लेखकीय यात्रा में कई प्रकार के त्रासद जीवनानुभवों के थपेड़ों से आहत उनकी सुदीर्घ साधना भाषा, शिल्प और अन्तर्वस्तु में अपनी संवेदनशील तीव्रता और घनत्व लिये हुए मौलिक परिणति में रूपांतरित ऐसी कहानियाँ सृजित करती रही हैं जो सशक्त गुरुत्वाकर्षण वाली उर्वर जमीनों को सायास बंजर बनाये जाने के षडयंत्र का पर्दाफाश कर सके । गहरे सामाजिक सरोकार की प्रतिबद्धता से संचालित कथाकार ने स्वाधीनता और लोकशाही के छद्म को उजागर करते तथा धिक्कार व लानत भेजते हुए तमाम नाइंसाफियों, फासीवादी यंत्रनाओं, विषमता की चैड़ी होती खाइयों और दरकते मानवीय मूल्यों के प्रति गाढ़ी रोशनाई की निशानदेही की है । ‘मंत्री क्या बने लाट हो गये’ शीर्षक कहानी में जनता के प्रति वफादारी की कसमें खाकर कुर्सी पर बैठने वाला आदमी माननीय होते ही दुनिया की सारी निजी सहूलियतों का अधिकारी बन जाता है या बना दिया जाता है । मानो वह मंत्री क्या बना अंग्रेजों के जमाने का लाट साहब बन गया । कहानी ‘मान मर्दन’ जातीयता के परनाले के उस गलीज–गंधाती, अराजक और भेद–भाव भरे रवैये की तस्वीर पेश करती है जिसमें जाति, वर्ग और हैसियत के आधार पर पद की अपेक्षा की जाती है । ‘निषिद्ध पथ के वांछित’ के नायक सोनवारे शोषितों–पीड़ितों के हक की लड़ाई में खुद को झोंक देते हैं । संघर्ष करते हुए और अधिकांश प्रयत्नों में हारते हुए अंतत% वे जंगल की तरफ निषिद्ध रास्ते पर चल पड़ते हैं । जब ढलती उम्र लेकर वे अपने परिवार में वापस आ जाते हैं तब भ्रष्टचार के सरगना रह चुके पूर्व मुख्यमंत्री के अपहरण से मुक्ति के लिए पुलिस–प्रशासन उनका निर्दयता से इस्तेमाल करने पर उतारू हो जाता है । ‘मुक्ति–मार्ग’ भीख मांगते निठल्ले साधु वेशधारियों को कारखाने में काम देकर मुक्ति का रास्ता दिखाती है । ‘विधर्मी’ मृत्यु के बाद किये जाने वाले पाखंड के नकार की कहानी है । ‘इन्द्रलोक की धरोहर’ में सूबे का आदिवासी मुख्यमंत्री ही एक आदिवासी भाई को शहर के केन्द्र में स्थित एक महंगी जमीन से बेदखल कर देना चाहता है । इसी तरह अन्य कहानियाँ भी दोमुंहेपन की विडम्बनाओं के बेरहम चेहरों से नकाब उठाती हैं ।

You might also like

Reviews

No Reviews found.